पूरे मोहल्ले में यह चर्चा थी कि गुड़िया को एड्स की बीमारी है। दरअसल उसका पति एक सरकारी मुलाज़िम था जो कि सिर्फ 25 वर्ष की आयु में ही अचानक किसी रहस्यमयी बीमारी का शिकार हो कर दुनिया छोड़ गया था। एड्स पर काम कर रही एक स्वयंसेवी संस्था के कार्यकर्ता बहुत समझा-बुझा कर गुडिया को एड्स की जाँच करवाने अपने साथ ले गए थे। गुड़िया को जो सरकारी पेंशन मिलती थी उसी से किसी तरह अपना जीवन यापन कर रही थी।
जांच करने वाले डॉक्टर ने बड़ी हैरानी से पूछा कि रिपोर्ट में तो तुम्हें कोई बीमारी नहीं है, तुम तो बिलकुल स्वस्थ हो, फिर यह एड्स की अफवाह क्यों ? तुम लोगों को मुँह तोड़ जवाब क्यों नहीं देती ? हाथ जोड़ कर गुड़िया बोली,"डॉ० साहिब, आप से विनती है यह बात किसी से भी मत कहिएगा, एक जवान बेवा अपनी इज्जत खूंखार भेडियों से अभी तक इसी अफवाह के सहारे ही बचाती रही है, भगवान् के लिए मेरा यह कवच मुझ से मत छीनिए!"
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